देहरादून में घनी बसाहट के साथ-साथ विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर हमें दिखाई देते हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था. यहां कई नदियां, नहरें हुआ करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ती आबादी के कारण ये खत्म होती चली गई. देहरादून की पहचान मानी जाने वाली रिस्पना नदी और बिंदाल नदी भी अब नाले में तब्दील हो चुकी हैं. इनको बचाने के लिए देहरादून के युवा काम कर रहे हैं और लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं, ताकि रिस्पना (ऋषिपरना) और बिंदाल नदी को पुनर्जीवित किया जा रहा है
MAD संस्था से जुड़े युवा लगातार इन नदियों को साफ करने के लिए अभियान चला रहे हैं. जो कि हर रविवार को स्वच्छता अभियान चलाया जाता है
देहरादून की पुरानी नदियों को बचाने के लिए सिर्फ कॉलेज के छात्र छात्राएं आगे नहीं आए हैं बल्कि के स्कूली छात्र छात्रा एंव कालोज छात्र छात्रा के भी इस अभियान में शामिल हो रहे हैं.
देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफरेंस बाए बीइंग द डिफरेंस (MAD) संस्था द्वारा रविवार प्रातः 7 बजे चलो टपकेश्वर अभियान की हुंकार भरी गयी है। गौरतलब है की संस्था अपने सेकड़ो स्वयंसेवियों के साथ रविवार सुबह तमसा नदी के तट और तल की सफाई का अभियान चलने का मोर्चा खोल रही है। इस अभियान के लिए संस्था ने देहरादून शहर के सभी नगर वासियो से यह आहवान किआ है की वह भारी संख्या में आकर युवाओ का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करे। नदियों के पुनर्जीवन के सन्दर्भ में MAD कई वर्षों से कार्यरत रहा है।